Sunanda Aswal

Add To collaction

शौर्ट स्टोरी चैलेंज

शौर्ट स्टोरी चैलेंज
जॉर्नर: प्रेरक
शीर्षक:
जातक कथा :

एक कोयल भगवान बुद्ध के बोधि वृक्ष (बिहार राज्य )के गया जिले में बोध गया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर में स्थित एक पीपल का वृक्ष पर रहती थी..!

"इसी वृक्ष के नीचे ईसा पूर्व 531 में भगवान बुद्ध को बोध (ज्ञान) प्राप्त हुआ था..!"

वह बहुत चाहती थी कि भगवान उसे अपनी शरण में लें उसका उद्धार हो,परंतु भगवान बुद्ध उसे टालते जा रहे थे..!

उसने रहस्य पूछा..क्यों भगवन..?"

उन्होंने कहा ," देखो हम भिक्षुक हैं..भाखुनी को अपनी शरण में नहीं ले सकते..! एक तुम्हारी आवाज इतनी मधुर है..कोई भी भिक्षुक अपने रास्ते से विचलित हो सकता है..! इसलिए हम लोग योगी पुरुष के लिए उचित ना होगा..!"

कोयल मानने वाली कहां थी..?

उसने बहुत प्रयत्न किया..अपने कंठ को शांत करने के लिए बहुत सी योग ध्यान किया..!

उधर आम के मौसम मे वृक्षों में बौंर आई ..कोयल बाग में गई...!

सुंदर फूलों और आम की सुगंध से विचलित हुई...!

पक्षियों के राजा तोते ने कहा ," आश्चर्य है कि आज तुम अपने खुद के स्वाभाव से अलग दिख रही हो..। ऐसा क्यों..?"

कोयल बोली," जब महात्मा के सानिध्य में जो जाता है ..वह कुछ ना कुछ अर्जित कर लेता है...मैं भी भाग्यशाली हूं..! जैसे आम्रपाली..नगरवधू..!"

वह बोला,"--ये आम्रपाली कौन है..?"

"सुनो ध्यान से सुनो एक  कहानी सुनाती हूं..."✍️🐦 जिज्ञासा को शांत करते हुए बोली ..‌।

"एक बार एक शीशु कन्या मिली
आम के वृक्ष नीचे ,नगर था वैशाली..!

नाम  रखा उपयुक्त  ,आम्रपाली,
नक्श तीखे , सौंदर्य से भली..!

इतनी खूबसूरत जो देखे हो जाता मुग्ध,
संगमरमर-यौवन खिले कोई लावण्य दुग्ध!

सुंदर बाला वैशाली की,
सुंदरता ही दुश्मन बनी उसकी..!

राजा -रंक,अमीर-गरीब,
हो जाता उसके बेहद करीब..!

बिंबसार राजा मगध का,
बन गया प्रेमी उसका ..!

आम्रपाली ने किया इंकार,
ह्रदय उसकी वेदना झंकार..!

दूसरे में, प्रेमी राजा पुत्र आजातशत्रु,
दिया प्रेम प्रस्ताव वैशाली का था शत्रु..!

आम्रपाली की आहा कांपी,
दिखी दो देशों रक्तपात की झांकी..!

प्रण लिया मोह -माया त्याज्य,
आत्म -शांति भज लिया वैराग्य..!

केश लम्बे सौंदर्य के सार ,
उतार लिया जीवन से भार ..!

पाई भगवान बुद्ध की शरण ,
यही था जीवन का वरण..!!"

कोयल के मुख से तोते ने आम्रपाली की कथा सुनी ...और दोनों चल दिऐ बुद्ध के सनमार्ग  की ओर....!

" बुद्धम् शरणम् गच्छामि ,शरणम् संघम्     गच्छामि!"

#लेखनी
#लेखनी कहानी
#लेखनी कहानी का सफर
सुनंदा..

   19
9 Comments

Gunjan Kamal

31-May-2022 03:11 PM

बहुत सुंदर

Reply

Farida

16-May-2022 08:10 PM

👌👌

Reply

Haaya meer

16-May-2022 06:59 PM

Very nice

Reply